Himachal Pradesh News: थुनाग बाजार निवासी मुरारी लाल ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी रोशनी देवी ने 20 जून को एक प्लॉट देखा और 30 लाख में सौदा फाइनल कर दिया।
Mandi’s Couple Lost Everything in Flood: हिमाचल के मंडी में मानसून ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। ऐसे में एक परिवार ऐसा भी है जिसका सब खत्म हो गया। दंपति के पास सिर्फ तन पर ढके कपड़ों के सिवाय और कुछ भी नहीं बचा। यह दंपति अब मलबे में अपनी संपत्ति को तलाशने का प्रयास कर रहा है।
मंडी के थुनाग बाजार निवासी मुरारी लाल ठाकुर और उनकी धर्मपत्नी रोशनी देवी ने 20 जून को एक प्लॉट देखा और 30 लाख में सौदा फाइनल कर दिया। 7 जुलाई को रजिस्ट्री की डेट भी तय कर दी। कुछ जमापुंजी मुरारी लाल और उसकी पत्नी के पास थी। कुछ पैसे इन्होंने अपने ससुराल, भाई और अन्य रिश्तेदारों से उधार ले लिए।
30 लाख की राशि एकत्रित करके घर के एक ट्रंक में रख ली, जिसमें अन्य गहने आदि भी रखे हुए थे। 30 जून की रात को थुनाग बाजार में जो जलजला आया, उसमें मुरारी लाल का सबकुछ बह गया। न बाजार का घर बचा और न ही वो ट्रंक, जिसमें जीवन भर की गाढ़ी कमाई और उधार के पैसे रखे हुए थे।
मुरारी लाल और उनकी पत्नी पेशे से शिक्षक
अब मुरारी लाल थुनाग बाजार के मलबे में इस ट्रंक को पूरी शिद्दत से ढूंढ रहा है। मुरारी लाल और उनकी पत्नी पेशे से शिक्षक हैं। मुरारी लाल ने बताया कि यही हमारी जीवन की कुल जमापूंजी थी। लेकिन 30 जून की काली रात को आई बाढ़ सब कुछ बहा ले गई। मुरारी लाल की आंखें भर आती हैं, जब वह कहते हैं कि उस रात हमारे पास बस वही कपड़े थे, जो तन पर हैं। जेब में 650 रुपये थे, जो अब तक हमारे पास हैं। मेरी बेटी लोकेशा, पत्नी रोशनी और मैं, तीनों के पास सिर्फ एक-एक जोड़ी कपड़े ही बचे हैं।
बाकी सबकुछ पानी और मलबे में गुम हो गया है। रोशनी देवी कहती हैं कि हम तो शिक्षक हैं, दूसरों को राह दिखाते हैं। लेकिन आज खुद अंधेरे में हैं। एक पल में सबकुछ खत्म हो गया। अब न घर है, न पैसा और न ही भविष्य की कोई स्पष्ट दिशा। पर उम्मीद बची है कि शायद सरकार, समाज व भगवान से कोई मदद मिले। शायद कोई किसी दिन कह दे कि आपका ट्रंक मिल गया… आपका आशियाना फिर से बनेगा।