H-1B Visa: अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके जरिए H-1B वीजा याचिकाओं के लिए लोगों को चुनने का नियम बदल सकता है।
H-1B Visa Selection Process: अमेरिका में मिलने वाले H-1B वीजा के सेलेक्शन प्रोसेस में बदलाव हो सकता है। H-1B वीजा जारी करने के नियमों में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं। नए नियम के अनुसार, वीजा पाने के लिए लॉटरी सिस्टम को खत्म कर वेटेज सिस्टम लागू किए जाने की संभावना है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके जरिए H-1B वीजा याचिकाओं के लिए लोगों को चुनने का नियम बदल सकता है।
इस सिस्टम में लॉटरी के बजाय उन आवेदकों को वीजा देने में प्राथमिकता मिलेगी, जिनकी प्रोफाइल ज्यादा वजनदार होगी यानी जो ज्यादा कुशल होंगे। अमेरिका के H-1B वीजा की चाह रखने वालों में भारतीयों की बड़ी संख्या रही है। ऐसे में भारतीयों को ये फैसला सीधे प्रभावित करेगा।
अमेरिका में H-1B वीजा के मुकाबले आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा रहती है। आवेदनों के उपलब्ध स्थानों से अधिक होने की वजह से लॉटरी सिस्टम चलता है। इसकी जगह अब डीएचएस ने नई वेटिड चयन प्रक्रिया प्रस्ताव दिया है।
अब तक लॉटरी सिस्टम के जरिए बांटे जाते हैं एच-1 बी वीजा
सबसे बड़ी बात है कि नए सिस्टम के तहत वीजा जारी करते समय आवेदक की सैलरी और क्वालिफिकेशन भी देखा जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं वीजा आवेदनों के संभालने के लिए जिम्मेदार एजेंसी बनी रहेगी। बता दें कि वर्तमान समय में H-1B वीजा एक रैंडम लॉटरी सिस्टम के जरिए बांटे जाते हैं। अभी तक आवेदकों की योग्यता और नियोक्ता को ध्यान में लाए बिना आवेदकों के साथ समान व्यवहार किया जाता था।
हर साल लाखों भारतीय जाते हैं अमेरिका
H-1B वीजा कार्यक्रम के जरिए अमेरिकी टेक कंपनियां हाई स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत मिलती है। हर साल बड़ी तादाद में अमेरिकी कंपनियां भारतीय कर्मचारियों को अमेरिका ले जाने के लिए H-1B वीजा का सहारा लेते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में स्वीकृत 3 लाख से अधिक भारतीयों को H-1B वीजा जारी किए गए थे। यानी हर साल बड़ी तादाद में भारतीय कर्मचारी अमेरिका जा रहे हैं।
हाल ही में H-1B वीजा को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच राजनीतिक बहस भी छिड़ गई थी। एक तरफ जहां एलन मस्क एच-1 बी वीजा के नियमों को सख्त करने पर नाराज थे। वहीं, ट्रंप का कहना था कि विदेश से आए लोगों की वजह से वहां के नागरिक बेरोजगार हो रहे हैं।