Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड में 22% ज्यादा बरस चुके मानसून ने चारधाम यात्रा लगभग रोक दी है। भूस्खलन, हाईवे बंद होने से यात्रा मार्ग पर बने 5 हजार से ज्यादा होटल-होम स्टे 90% तक खाली पड़े हैं। 10 हजार से ज्यादा टैक्सियों के पहिए थमे हुए हैं। शुरुआत में चारधाम यात्रा का जो टैक्सी किराया 45 हजार तक था, अभी 15 से 20 हजार तक है। फिर भी यात्री नहीं आ रहे।
उत्तराखंड के पर्यटन विभाग के मुताबिक बीते 68 दिन में 38 लाख श्रद्धालु चारधाम पहुंचे। पिछले साल यह आंकड़ा 45 लाख था। इस बार मूसलाधार बारिश से तबाही का आलम है। 21 लोग जान गंवा चुके हैं। 80% सड़कें बंद हैं। इसलिए पर्यटक कम पहुंच रहे हैं। केदारघाटी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने बताया कि पहले रोज 20 से 30 हजार यात्री आ रहे थे, एक हफ्ते में कुल 9 हजार ही पहुंचे। तीन हजार से ज्यादा होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े हैं। इस बार बारिश जल्दी शुरू हो गई, वरना 20 जुलाई तक काफी यात्री रहते थे।हर साल कुल कारोबार 600 करोड़ रु. तक जाता था, इस बार 30% ही हो सका। हरिद्वार-ऋषिकेश खाली हैं। अब कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद यात्री और घटेंगे। बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी राम नारायण बताते है कि बदरीनाथ से जोशीमठ तक 120 से अधिक होटल हैं। लगभग 20% ही भरे हैं। इसी तरह उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूडा ने बताया कि मानसून के अलावा कम यात्रियों की कुछ और वजहें भी हैं।
बसों का किराया 50 हजार कम किया चारधाम बस रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष भुपाल सिंह नेगी ने बताया कि 1700 बसें यात्रा में लगी हैं। जो 1.55 लाख रु. में यात्रा करा रही थीं, अभी 120 ही सड़कों पर हैं और एक लाख रु. तक किराया ले रही हैं।