Fruit Festival in Kurukshetra: मियाजाकी की कुछ खासियतों के कारण लाडवा में स्थित इंडो-इजराइल सब-ट्रॉपिकल सेंटर में इसका एक पौधा भी लगाया गया है।
World’s Most Expensive Mango: कुरुक्षेत्र में शुरू हुए फ्रूट फेस्टिवल में इस बार जापान का मियाजाकी आम सबसे ज्यादा चर्चा में है। गहरे लाल रंग और मीठे रस से भरे इस मियाजाकी आम को ‘एग ऑफ द सन’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। भारत में इसकी कीमत ₹50 हजार से ₹70 हजार प्रति किलो है, जबकि जापान और दुबई जैसे देशों में यही आम ₹2.50 लाख से ₹3 लाख किलो तक बिकता है।
एक रिसर्च के मुताबिक यह आम सिर्फ एक फल नहीं बल्कि कैंसर रोगियों के लिए दवा भी है, क्योंकि रिसर्च में दावा किया गया है कि ये आम शरीर में कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोक सकता है। साथ ही यह शरीर की ताकत यानी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है।
मियाजाकी की इन्हीं कुछ खासियतों के कारण लाडवा में स्थित इंडो-इजराइल सब-ट्रॉपिकल सेंटर में इसका एक पौधा भी लगाया गया है। सेंटर ने इसे भविष्य का फल मानते हुए रिसर्च शुरू कर दी है। अच्छी बात यह है कि पौधे पर इस साल फल भी आ चुके हैं।
5 साल में तैयार होता पौधा, 4 फुट की हाइट
लाडवा के इंडो इजराइल सब ट्रॉपिकल सेंटर में चल रहे फ्रूट फेस्टीवल में UP के मुजफ्फरनगर के किसान मोहम्मद साजिद इस आम को लेकर पहुंचे हैं। साजिद के मुताबिक, ये आम जापान के मियाजाकी प्रांत का फ्रूट है। इंडिया में इस आम को लोग मियाजाकी के नाम से जानते हैं। इसका पेड़ महज 4 फुट का होता है, लेकिन इस पर फल आने में करीब 5 साल का समय लगता है। ये आम लाल रंग का होता है। एक आम का वजन 300 से 350 ग्राम तक होता है।
सेहत का सुपर फ्रूट जापान का मियाजाकी
जिला उद्यान अधिकारी डॉक्टर शिवेंद्र प्रताप ने बताया कि ये आम स्वाद का खजाना ही नहीं, बल्कि सेहत का भी सुपर फ्रूट है। मियाजाकी आम एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर है। इसे कैंसर की कोशिकाओं की ग्रोथ रोकने में असरदार माना गया है। साथ ही यह इम्यूनिटी बूस्ट करने वाला फल भी है। इसलिए मियाजाकी आम विदेशों में करीब 3 लाख रुपए प्रति किलो बिकता है। इसका स्वाद उत्तर भारत के लोकप्रिय रटौल आम जैसा ही लगता है। रटौल यूपी के बागपत का कस्बा है, जहां के फेमस आम को रटौल के नाम से ही जाना जाता है।
मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन ने सेंटर को गिफ्ट दिया था पौधा
लाडवा सेंटर में मियाजाकी आम का एकमात्र पेड़ फल-फूल रहा है। करीब एक साल पहले मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन ने सेंटर को गिफ्ट दिया था। इस पौधे की टपका विधि से सिंचाई की गई। फरवरी में पेड़ पर बौर आना शुरू हो जाता है। जून-जुलाई में इस पर फल आना शुरू होता है। सेंटर के पौधे पर करीब चार आम लगे हुए हैं, जिन्हें कवरअप किया गया है। अभी फल पकना शुरू नहीं हुआ है।