NEET Exam: आर्यन के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कोरोना काल में स्कूलों की छुट्टी होने पर अपने पिता के काम में हाथ बंटवाना शुरू किया और सिलाई का काम सीखा।
Tailor’s in Jind Clears NEET Exam: जींद के न्यू कृष्णा कॉलोनी में रहने वाले आर्यन ने कमाल कर दिया है। जहां एक दर्जी के बेटे ने काम के साथ-साथ पढ़ाई करके नीट एग्जाम में ऑल इंडिया में 2000वां रैंक हासिल किया। आर्यन के पिता हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में टेलरिंग का काम करते हैं। आर्यन के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कोरोना काल में स्कूलों की छुट्टी होने पर अपने पिता के काम में हाथ बंटवाना शुरू किया और सिलाई का काम सीखा।
आर्यन प्रतिदिन चार से पांच घंटे अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगा। साथ ही साथ आर्यन पढ़ाई भी करता रहा। आर्यन सुबह चार बजे उठकर पढ़ता, फिर एकेडमी जाता, शाम को काम करता और रात को आठ बजे से 12 बजे तक फिर पढ़ाई करता। इसी रूटीन में पढ़ाई करते हुए आर्यन ने यह मुकाम हासिल किया। 10वीं कक्षा में आर्यन ने ईफा अकादमी में दाखिला लिया और अपने पिता की आर्थिक कमजोरी को दूर करने के लिए डॉक्टर बनने का सपना लिया। हालांकि, अकादमी की फीस व घर की परेशानियों को लेकर कई बार उनका मन पढ़ाई से पीछे भी हटा लेकिन आर्यन ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा।
नीट की परिक्षा क्लियर करने पर आर्यन का कहना है कि उसके हिसाब से डॉक्टर वही है जो पेशेंट का अच्छा इलाज करे और उसकी पीड़ा को समझे, चाहे वह आर्थिक पीड़ा हो या शारीरिक पीड़ा। आर्यन ने बताया कि उसके सपने भी आने लगे थे और सपने में खुद को डॉक्टर बने देखा था। उसने पढ़ाई को बोझ नहीं समझा और उसे पढ़ाई में मजा आने लगा। इससे उसकी मुश्किलें हल हुई। आर्यन ने कहा कि वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और अध्यापकों को देना चाहता है।
परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं
आर्यन के पिता सुधीर ने कहा कि इस सफलता के पीछे मेहनत तो केवल आर्यन की ही है। सपना आर्यन ने देखा था, वह तो उसके पीछे-पीछे चल रहे थे। बेशक वह खुद दसवीं पास नहीं है लेकिन उसका बेटा डॉक्टर बनेगा। आर्यन ने दूसरे बच्चों से ज्यादा मेहनत की। घर के काम में और दुकान के काम में हाथ बंटाया।
आर्यन की मां रिंकू ने कहा कि उनका सपना था कि बेटा तरक्की करे। रात को 12 बजे तक पढ़ाई के बाद वह सुबह चार बजे उठकर फिर से पढ़ाई करने लग जाता था। इस के साथ ही आर्यन की बुआ पूजा ने कहा कि उन्हें अपने भतीजे पर गर्व है। भतीजे की सफलता पर बुआ का गला भर आया और उसके खुशी के आंसू छलक उठे। वह बोल नहीं पाई।
एकेडमी की उम्मीदों पर खरा उतरा आर्यन
इफा एकेडमी की डायरेक्टर नेहा शर्मा ने कहा कि बच्चे उनकी एकेडमी पर उम्मीद के साथ आते हैं और वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतर रहे हैं। आर्यन की मेहनत और टीचर्स के बेहतर गाइडेंस की बदौलत ही उसने 2000वां रैंक हासिल किया है। जब उसके पिता दसवीं कक्षा के बाद उसे लेकर आए थे तो वह ज्यादा खुला हुआ नहीं था, टीचर्स ने उसे मोटिवेट किया।