Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के गुटराहन गांव में बादल फटने के बाद मलबा-और-मलबे के साथ बहता पानी खेतों और कृषि भूमि में फैल गया। कई वाहन मलबे में दब गए।
Cloud burst in Bilaspur: हिमाचल प्रदेश में माैसम का कहर लगातार जारी है। एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गांव गुतराहन में शनिवार सुबह बादल फटने से दो वाहन मलबे में दब गए और पांच क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त वाहनों को निकाल लिया है। मलबा आने से नम्होल-डाबर सड़क बंद हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि बादल फटने की घटना नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के नम्होल क्षेत्र के गुटराहन गांव में हुई। स्थानीय निवासी कश्मीर सिंह ने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण मलबा खेतों में जमा हो गया और फसलें नष्ट हो गईं। कई वाहन मलबे में दब गए।
गांव में तबाही, वाहन दबे और खेतों को नुकसान
गुटराहन गांव में बादल फटने के बाद मलबा-और-मलबे के साथ बहता पानी खेतों और कृषि भूमि में फैल गया। कई वाहन मलबे में दब गए।
सीएम सुक्खू ने जताया दुख
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक्स पर लिखा, “नाहन (बिलासपुर) में बादल फटने और मंडी जिले के धरमपुर क्षेत्र में भूस्खलन की घटना बेहद दुखद है। इन दोनों घटनाओं के कारण कई परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस संकट की घड़ी में मेरी संवेदनाएं हर प्रभावित परिवार के साथ हैं। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की टीमें युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मलबे से घिरे मकानों को भी खाली करा लिया गया है।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने हिमाचल के कई हिस्सों में अलर्ट जारी किया है। 13 और 14 सितंबर को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। कहीं कहीं पर भारी बारिश होने की संभावना है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को नदी-नालों के किनारे जाने से परहेज करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
प्रदेश में बारिश और सड़क हादसों में कुल 386 लोगों की मौत
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, फिलहाल हिमाचल प्रदेश में 503 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें अटारी-लेह मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-3), औट-सैंज मार्ग (NH-305) और अमृतसर-भोता मार्ग (NH-503A) शामिल हैं। वहीं, 953 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 20 जून से 12 सितंबर तक प्रदेश में बारिश और सड़क हादसों में कुल 386 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 218 लोग वर्षा जनित घटनाओं में और 168 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए। अब तक राज्य को 4,465 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।