Sansad Ratna Award: संसद का मानसून सत्र चल रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। सुप्रिया सुले, रवि किशन, निशिकांत दुबे और अरविंद सावंत सहित 17 सांसदों ‘संसद रत्न’ से सम्मानित किया गया।
MP Dr Charanjit Singh Channi Got Sansad Ratna Award: लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। इनमें NCP शरद गुट की सुप्रिया सुले, BJP के रवि किशन और निशिकांत दुबे और शिवसेना UBT के अरविंद सावंत का नाम शामिल है। संसद रत्न बनने वाले सांसदों में सबसे ज्यादा 7 सांसद महाराष्ट्र से हैं। इसी के साथ डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इनके अलावा 4 स्पेशल जूरी अवॉर्ड भी शामिल हैं। इनमें BJP के भर्तृहरि महताब, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन, NCP शरद गुट की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं। इन सभी ने 16वीं लोकसभा के बाद से लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखा है।

कुल 17 सांसद और 2 समितियों को मिला सम्मान
इस वर्ष संसद रत्न अवार्ड के लिए देशभर से कुल 17 सांसदों और 2 संसदीय समितियों का चयन किया गया। पुरस्कार पाने वालों में ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, केरल से आरएसपी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन, महाराष्ट्र से एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे, भाजपा सांसद स्मिता उदय वाघ, शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद गणपत सावंत शामिल हैं।
इसी के साथ शिवसेना सांसद नरेश गणपत म्हस्के, कांग्रेस सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड़, भाजपा सांसद डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी, उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद प्रवीण पटेल और रवींद्र किशन शुक्ला, झारखंड से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और विद्युत बरन महतो, राजस्थान से सांसद पीपी चौधरी, तमिलनाडु से डीएमके सांसद सीएन अन्नादुरई और असम से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया भी शामिल हैं।
क्या है संसद रत्न पुरस्कार?
संसद रत्न पुरस्कारों की स्थापना 2010 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-मैगजीन ‘प्रीसेंस’ द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सुझाव पर की गई थी। डॉ. कलाम ने ही मई 2010 में चेन्नई में आयोजित पहले समारोह का उद्घाटन किया था। तब से अब तक 125 से अधिक पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
यह पुरस्कार भारत की संसद में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सांसदों और संसदीय स्थायी समितियों को प्रदान किया जाता है। इसका चयन पूरी तरह से लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय तथा PRS Legislative Research द्वारा प्रदत्त आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर होता है।