APJ Abdul Kalam Death Anniversary: भारत के 11वें राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में एक व्याख्यान देते समय हुआ था। उनका निधन पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति थी।
APJ Abdul Kalam Death Anniversary 2025: भारत के 11वें राष्ट्रपति और वैज्ञानिक रहे एपीजे अब्दुल कलाम का आज पुण्यतिथि है। डॉ कलाम का 27 जुलाई 2015 को IIM शिलांग में लेक्चर देते समय दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे अपनी सादगी के लिए भी मशहूर थे।
आज यानी 27 जुलाई को देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 10वीं पुण्यतिथि है। डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हों, लेकिन आज भी उनकी मिशाल दी जाती है। बता दें कि डॉ. कलाम महान वैज्ञानिक होने के साथ महान विचारक और लेखक भी थे। उनका पूरा जीवन आज के युवाओं के लिए एक शिक्षा की तरह है। डॉ. कलाम का बचपन बेहद मुश्किलों में बीता, लेकिन उन्होंने जिंदगी से कभी कोई शिकायत नहीं की, बल्कि मुश्किलों को भी एक अवसर के तौर पर देखा।
83 साल की उम्र में कलाम ने दुनिया को कहा अलविदा
अपने जीवन में तमाम बड़ी उपलब्धियां प्राप्त करने के बाद डॉ. अब्दुल कलाम ने देश का सर्वोच्च पद प्राप्त किया, लेकिन फिर भी वो हमेशा जमीन से जुड़े रहे। उनका स्वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था। वे हमेशा खुद को एक वैज्ञानिक और शिक्षक की तरह ही देखा करते थे। 27 जुलाई 2015 को वो शिलांग में विद्यार्थियों को लेक्चर देते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा। आनन फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ हो न सका। 83 साल की उम्र में कलाम ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर आइए आपको बताते हैं डॉ. कलाम की कही वो प्रेरक बातें जो आपकी पूरी लाइफ बदल सकती हैं।
राष्ट्रपति रहते हुए बस 2 बार ली थी छुट्टी: डॉ. कलाम ने अपने 5 साल के कार्यकाल में महज 2 बार ही छुट्टी ली थी। पहली छुट्टी उन्होंने अपने पिता का निधन पर और दूसरी छुट्टी अपनी मां की मृत्यु के समय ली थी।
कर्मचारी के बच्चों खुद घुमाने ले गए: यह किस्सा तब का है जब डॉ. कलाम डीआरडीओ में काम करते थे। एक बार उनके साथ काम करने वाले एक कर्मचारी ने उनसे जल्दी घर जाने की अनुमति मांगी क्योंकि बच्चों को एक प्रदर्शनी में लेकर जाना था लेकिन जरूरी काम के चलते वह समय पर घर नहीं पहुंच पाए। लेकिन जब रात को करीब 8.30 बजे घर पहुंचे तो बच्चे घर पर थे ही नहीं। पत्नी से पूछने पर पता चला की ठीक 5 बजे डॉ. कलाम खुद घर आकर बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने के लिए ले गए थे।
किसी से गिफ्ट नहीं लेते थे: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बेहद साधारण, सुलझे और जमीन से जुड़ी शख़्सियत थे। वो कभी कभी किसी से कोई तोहफा नहीं लेते थे।
स्पेशल कुर्सी पर बैठने से कर दिया था इनकार: डॉ. एपीजे कलाम की सादगी का एक और उदाहरण तब देखने को मिला था जब वो आईआईटी बीएचयू के एक समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किये गए थे। जब वो समारोह में पहुंचे तो देखा कि उनके बैठने के लिए बड़ी और ऊंची कुर्सी रखी हुई थी, जबकि बाकी सब गेस्ट के लिए छोटी कुर्सी थी। यह सब देख कलाम ने उस कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया था और अपने बैठने के लिए भी बाकी गेस्ट के जैसी कुर्सी ही मंगाई थी।