Haryana News; हरियाणा की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने चंडीगढ़ में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभागों की कार्यप्रणाली और चल रहे स्वास्थ्य परियोजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया गया।
बैठक के दौरान, मंत्री ने अधिकारियों से स्वास्थ्य परियोजनाओं के निर्माण कार्य की गति तेज करने का निर्देश दिया और इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों की निर्माणाधीन इमारतों के विकास की निगरानी और समन्वय के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने संबंधित विभागों को फार्मेसी नीति को बिना किसी देरी के अंतिम रूप देने और फार्मासिस्ट तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दिए ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं में उचित स्टाफ मिल पाएं।
एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कदम के तहत, मंत्री ने यह पुनः स्पष्ट किया कि सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क कर दिया गया है, भले ही मरीज की आय कोई भी हो। उन्होंने राज्यभर में डायलिसिस सेवाओं के बारे में कहा कि यह सेवा समान रूप से पारदर्शी तरीके से बिना किसी रुकावट के रोगी को मिले, ऐसा सुनिश्चित हो।
प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्य मंत्री ने परियोजना समयसीमाओं के कड़े पालन, समय पर फाइलों के निपटान, और इस दिशा में होने वाली किसी भी तरह की देरी को समाप्त करने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने पीजीआईएमएस रोहतक द्वारा आयोजित बीएससी नर्सिंग और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन की आवश्यकता पर भी बल दिया, साथ ही अधिकारियों को किसी भी प्रकार की गलत प्रक्रिया की संभावना को खत्म करने के लिए निर्देशित किया।
आयुष मंत्री ने अधिकारियों से आयुष योजनाओं के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने और राज्यभर में सरकारी कर्मचारियों को आयुष रिइंबर्समेंट नीति के बारे में सूचित करने के लिए एक अभियान शुरू करने का निर्देश दिया।
मातृत्व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर पहले रेफरल यूनिट (एफआरयू) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा ताकि मातृत्व देखभाल सेवाओं को मजबूत किया जा सके और मातृ मृत्यु दर को घटाया जा सके।
हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएमएससीएल) के कार्यों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए कि किसी भी स्वास्थ्य सुविधा, चाहे वह सीएचसी हो या जिला अस्पताल, इनमें दवाइयों की कोई कमी न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई लापरवाही पाई गई तो संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की जवाबदेही होगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में चिकित्सकों की उपस्थिति, पोस्टिंग, सेवानिवृत्ति आदि से संबंधित शिकायतों के समाधान पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, आयुष विभाग के महानिदेशक श्री संजीव वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक श्री रिपुदमन सिंह ढिल्लों, हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री मनोज कुमार और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।