Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के पहले सप्ताह में एक लाख 11 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं। पहलगाम हमले के बाद से सरकार भी अलर्ट मोड पर है।
Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा चल रही है। अमरनाथ यात्रा का लोगों में इतना उत्साह है कि पहले छह दिन में ही एक लाख से अधिक लोग बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। खास बात है कि पहलगाम हमले के बावजूद इतने सारे भक्तों का कश्मीर आना अपने आप में अनोखा है।
यात्रा में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती
हालांकि, पहलगाम हमले के बाद से सरकार भी अलर्ट मोड पर है। अमरनाथ यात्रा 2025 में अब तक की सबसे बड़ी सैऩ्य तैनाती हुई है। घाटी में पहले से ही सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है। बावजूद इसके ड्यूटी के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 600 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती हुई है। करीब 7000 यात्री जम्मू से निर्धारित काफिले में बेस कैंप तक पहुंच रहे हैं।
तीर्थयात्रियों को दी जा रही सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इस समीक्षा बैठक के दौरान, DIG ने जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के ठहरने के केंद्रों और लंगर स्थलों का दौरा किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि मार्ग में, ठहरने के स्थानों, विशेषकर बेस कैंप भगवती नगर, जम्मू और सभी आवास केंद्रों व लंगर स्थलों पर तीर्थयात्रियों को दी जा रही सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।
DIG शिव कुमार ने अमरनाथ जी यात्रियों से भी बातचीत की
जिला जम्मू, सांबा और कठुआ की सुरक्षा समीक्षा के दौरान संबंधित इकाइयों के सभी अधिकारी मौजूद थे और उन्हें अतिरिक्त सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। इस समीक्षा के दौरान, DIG शिव कुमार ने अमरनाथ जी यात्रियों से भी बातचीत की।
DIG ने निजी वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को पुलिस से दिए गए निर्देशों का पालन करने की सलाह दी और उन्हें सुरक्षित यात्रा के लिए आधिकारिक काफिले में यात्रा करने की सलाह दी।
जत्थे के बजाए खुद से बेस कैंप तक पहुंच रहे हैं लोग
हालांकि, बहुत सारे लोग सुरक्षाबलों की बजाए खुद से बेस कैंप पहुंचना अच्छा मान रहे हैं। जैसे- मंगलवार को सिर्फ 7000 लोग जम्मू से बेस कैंप पहुंचे, जबकि दर्शन उस दिन 26 हजार से ज्यादा लोगों ने किया था। श्रद्धालु अमित का कहना है कि बेस कैंप तक खुद के पहुंचना ज्यादा आसान है, क्योंकि सुरक्षाबलों के साथ आने में कड़े दिशा-निर्देशों और प्रतिबंधों का पालन करना पड़ता है।
अमित अपने पांच दोस्तों के साथ पहलगाम पहुंच गए हैं। वे यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. चंदनवाड़ी से अमरनाथ गुफा तक का रास्ता 30 किलोमीटर से अधिक है। उनका कहना है कि रास्ता में सुरक्षाबलों को देखते हैं तो सुरक्षा की चिंता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर आप काफिले से अलग घूमेंगे तो आपको घूमने-फिरने और कश्मीर की खूबसूरती का आनंद लेने का मौका मिलता है।
अब तक एक लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
प्रशासन की कोशिश है कि अधिक से अधिक श्रद्धालु जम्मू से पूरी सुरक्षा में यात्रा करें। हालांकि, श्रद्धालुओं का उत्साह बता रहा है कि वे पहलगाम हमले को भूल चुके हैं। बता दें, जम्मू से अब तक आठ जत्थों में यात्रा रवाना हुई है। सात दिनों में जत्थों में 55 हजार 382 श्रद्धालु रवाना हुए हैं। हालांकि, मंगलवार तक एक लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं।