Retail Inflation: भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। बावजूद, खाद्य पदार्थों और मुख्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की वजह से, अगस्त में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी देखी गई।
Inflation Rate in August: पिछले कुछ महीने से महंगाई दर के मोर्चे पर मिल रही राहत को इस महीने झटका लगा है। देश में रिटेल महंगाई दर अगस्त के महीने में बढ़कर 2.07% पर पहुंच गई, यह आंकड़ा जुलाई के महीने में 1.55% था। जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आठ साल का सबसे निचला स्तर था।
सरकारी डाटा के अनुसार हाई बेस इफेक्ट का असर कम होने और फूड प्रोडक्ट की कीमत बढ़ने के कारण महंगाई दर में तेजी आई है। बेस इफेक्ट ने पिछले कुछ महीनों के दौरान महंगाई के लेवल को कम रखा था।
फूड प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ने की उम्मीद
अगस्त के महीने में सब्जियों की कीमत 15.92% गिरीं थी, जुलाई में 20.69% की गिरावट थी। अगस्त में सामान्य से ज्यादा बारिश और सितंबर के महीने में ऐसी बारिश की उम्मीद से चावल, कपास, सोयाबीन और दालों को नुकसान होने की उम्मीद है। इससे फूड प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से खाद्य और अन्य चीजों पर टैक्स में कटौती का ऐलान किया गया है, जो कि आने वाले महीनों में महंगाई को कम कर सकती है।
लेकिन इन प्रमुख उपभोक्ता कैटेगरी में मिली राहत
अगस्त 2025 में खुदरा महंगाई दर भले ही मामूली रूप से बढ़कर 2.07% हो गई हो, लेकिन प्रमुख उपभोक्ता श्रेणियों में महंगाई में राहत देखने को मिली है।
आवास क्षेत्र में महंगाई दर जुलाई के 3.17% से घटकर अगस्त में 3.09% पर आ गई।
शिक्षा क्षेत्र की महंगाई दर 4.11% से घटकर 3.60% दर्ज की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी मामूली राहत मिली, जहाँ दर 4.57% से घटकर 4.40% हो गई।
परिवहन और संचार क्षेत्र की महंगाई दर 2.12% से घटकर 1.94% रही।
वहीं, ईंधन और प्रकाश श्रेणी की मुद्रास्फीति दर जुलाई के 2.67% से घटकर 2.43% दर्ज की गई।
महंगाई पर RBI
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने इस साल अपने रेपो रेट में कुल 1 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं हाल ही में हुई MPC मीटिंग में RBI ने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। RBI ने इस समय पर महंगाई पर बात करते हुआ कहा था कि महंगाई की स्थिति ज्यादा चिंताजनक नहीं है।