Delhi Railway Station: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखकर दिल्ली के 160 साल पुराने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने पर विचार करने की मांग की है।
Old Delhi Railway Station Name Change: देश की राजधानी दिल्ली के पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की तैयारी की जा रही है। दिल्ली के इस सबसे पहले रेलवे स्टेशन का नाम जल्द ही महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन हो सकता है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर आग्रह किया है।
सीएम गुप्ता ने 19 जून को यह पत्र भेजा था। उन्होंने बताया कि महाराजा अग्रसेन सामाजिक समरसता और न्याय के प्रतीक माने जाते हैं, ऐसे में उनके सम्मान में स्टेशन का नाम बदलना उपयुक्त एवं सार्थक होगा। पत्र में इसे महाराजा अग्रसेन के प्रति श्रद्धांजलि बताया है, जो अहिंसा, शांति और सामाजिक न्याय का प्रतीक माने जाते हैं।
सीएम रेखा गुप्ता ने पत्र में लिखा,’मैं आपसे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन के सम्मान में बदलने की तरफ ध्यान देने का आग्रह कर रही हूं, जो एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व थे, जिनकी विरासत का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर और खासौतर पर दिल्ली में, गहरा प्रभाव पड़ा है। स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन रखना उनके योगदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी और यह दिल्ली के लाखों निवासियों की भावनाओं से गहराई से जुड़ेगा, जो उनका बहुत सम्मान करते हैं।’ उन्होंने कहा कि महाराजा अग्रसेन के अनगिनत फॉलोअर्स लगातार दिल्ली के आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को ‘दिल्ली जंक्शन’ भी कहा जाता है। राजधानी के चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित यह भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है। इसकी स्थापना साल 1864 में हुई थी और इसका वास्तुशिल्प लाल किले की स्थापत्य शैली से प्रेरित है। यह स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क का एक अहम केंद्र है।
1903 में बनी थी स्टेशन की मौजूदा इमारत
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन उत्तर भारत का भी पहला रेलवे स्टेशन था। इस स्टेशन के बनने पर ही कलकत्ता-दिल्ली रेलवे लाइन की शुरुआत हुई थी। इसके बाद साल 1904 में यहां से आगरा-दिल्ली रेल लाइन की शुरुआत हुई थी। दिल्ली जंक्शन के नाम से मशहूर यह रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क में बेहद अहम हब के तौर पर जगह रखता है, जिस पर 18 प्लेटफॉर्म्स बने हुए हैं। इनमें से दो प्लेटफॉर्म पर 24 डिब्बों वाली रेल खड़ी हो सकती है।
कौन थे महाराजा अग्रसेन
महाराजा अग्रसेन हरियाणा के मौजूदा हिसार जिले में अग्रोहा के राजा थे। सूर्यवंशी क्षत्रिय वंश के महान भारतीय राजा के तौर पर उन्हें याद किया जाता है। माना जाता है कि वे भगवान राम के पुत्र कुश की 34वीं पीढ़ी के वंशज थे। महाराजा अग्रसेन को समाजवाद के प्रणेता के तौर पर याद किया जाता है, जिनके शासन में समानता, न्याय और अहिंसा को प्राथमिकता दी जाती थी। उन्हें ही अग्रवाल समुदाय का पितामह माना जाता है। महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में आने वाले हर नए परिवार को समर्थ बनाने के लिए ‘एक ईंट, एक रुपया’ देने की प्रथा शुरू की थी।