Woman Tie Rakhi to CM Dhami: उत्तरकाशी जिले में धराली बाजार के ऊपर पहाड़ी से 5 अगस्त को खीरगंगा में दोपहर करीब 1.30 बजे पानी के सैलाब के साथ मलबा भी बड़ी तेजी आया था।
Woman ties Dupatta strip as ‘Rakhi’ to CM Pushkar: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले का धराली क्षेत्र इन दिनों आपदा की मार झेल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ग्राउंड जीरो पर रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस दौरान शुक्रवार को यहां रेस्क्यू ऑपरेशन दौरान भावुक पल देखने को मिले, जब गुजरात की एक महिला को बचाया गया और उस ने अपना दुप्पटा फाड़ कर सीएम पुष्कर को राखी बाँधी।
इस पल ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। बता दें कि शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी तीन दिन से लगातार ग्राउंड जीरो पर डटे रहकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तो धनगौरी अपनी कृतज्ञता रोक नहीं सकीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में डर नहीं, भरोसा था। वे आगे बढ़ीं, अपने दुप्पटे का किनारा फाड़ा और उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया।
महिला ने क्या कहा?
राखी बांधते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा – “मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है। वे तीन दिनों से हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं।” यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था।
मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।
अहमदाबाद की रहने वाली धनगौरी परिवार सहित फंसी थी
अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं। 5 अगस्त को धराली में आई भीषण आपदा ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। अचानक आए मलबे और तेज बहाव से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और वे अपने परिवार सहित फंस गईं। चारों ओर तबाही का मंजर, भय और अनिश्चितता का माहौल था। घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर, किसी को नहीं पता था कि अब आगे क्या होगा।
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में धराली बाजार के ऊपर पहाड़ी से 5 अगस्त को खीरगंगा में दोपहर करीब 1.30 बजे पानी के सैलाब के साथ मलबा भी बड़ी तेजी आया था। पानी और मलबा इतनी तेजी से नीचे आया कि लोगों को जान बचाने का भी मौका नहीं मिला था. कई लोग करीब 50 फीट मलबे के नीचे ही दब गये थे।