Haryana News: शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस का लक्ष्य केवल अपराधियों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि समाज को नशे की जंजीरों से पूरी तरह मुक्त कराना है।
Drug Free Haryana: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश नशा मुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त कर रहा है। हरियाणा पुलिस ने नशा मुक्ति और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में जनवरी से अगस्त 2025 तक उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यह आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि पुलिस ने जहां अपराधियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की है, वहीं सरकार की पहल और सामाजिक स्तर पर जनभागीदारी के साथ मिलकर नशा मुक्त समाज की दिशा में मजबूत कदम उठाए गए हैं। यह उपलब्धियाँ केवल पुलिसिंग तक सीमित नहीं रहीं बल्कि सामाजिक भागीदारी, जनजागरूकता और ट्रिपल लेयर सत्यापन प्रक्रिया ने इसे एक आंदोलन का रूप दिया है।
नशामुक्त हरियाणा: पुलिस, प्रशासन और समाज की साझी जिम्मेदारी – डीजीपी
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस का लक्ष्य केवल अपराधियों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि समाज को नशे की जंजीरों से पूरी तरह मुक्त कराना है। उन्होंने कहा कि ‘नशा मुक्त हरियाणा’ हमारे लिए एक कानून-व्यवस्था का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। गांवो और वार्डो को नशामुक्त बनाना इस बात का प्रमाण है कि जब प्रशासन, पुलिस और समाज मिलकर काम करें तो बदलाव संभव है। कठोर कानून प्रवर्तन, तस्करों की अवैध संपत्ति पर आर्थिक प्रहार और समुदाय की भागीदारी के परिणामस्वरूप हरियाणा पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रहा है। डीजीपी ने विश्वास जताया कि हरियाणा सरकार के संकल्प और पुलिस-प्रशासन की प्रतिबद्धता के साथ समाज की सक्रिय साझेदारी हरियाणा को जल्द ही एक नशामुक्त, सुरक्षित और स्वस्थ हरियाणा का सपना साकार करने में सफल बनाएगी।
नशा मुक्त गांव और वार्ड
जनवरी से जुलाई 2025 में हरियाणा के 7354 गांवों में से 4233 गांवों को नशा मुक्त घोषित किया जा चुका है। इसी प्रकार 1956 शहरी वार्डों में से 910 वार्ड अब नशा मुक्त की श्रेणी में आ गए हैं। यह केवल एक उपलब्धि नहीं है बल्कि ग्रामीण और शहरी स्तर पर सामाजिक जीवन की दिशा बदलने का प्रयास है। कुरुक्षेत्र जिले ने 410 गांवों को नशा मुक्त कर राज्य में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है, वहीं नूंह में 310 गांव और कैथल में 232 गांव इस सूची में शामिल हुए। पुलिस ने CID और HSNCB की संयुक्त सत्यापन प्रणाली लागू कर इस प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया है, जिससे नशा मुक्त घोषित गांवों की वास्तविक स्थिति का सही आकलन हो सके। यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि नशा उन्मूलन केवल कानून का विषय नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति बन चुकी है।
कमर्शियल क्वांटिटी मामलों में सजा दर
जनवरी से जुलाई 2025 तक कुल 67 कमर्शियल क्वांटिटी मामलों का निपटारा हुआ, जिनमें से 42 मामलों में आरोपियों को दोषी करार दिया गया। इस अवधि में औसत सजा दर 62.68% रही। पिछले वर्ष 2024 में 130 मामलों का निपटारा किया गया था, जिसमें 93 मामलों में दोषसिद्धि(अपराध प्रमाणित होना) हुई थी और सजा दर 71.53% दर्ज की गई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2025 में भी न्यायिक प्रक्रिया तेज़ी और मजबूती से आगे बढ़ रही है। हिसार, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और सिरसा जैसे जिलों में 100% दोषसिद्धि दर्ज की गई है, जो यह साबित करता है कि पुलिस और अभियोजन पक्ष अपराधियों को न्यायालय में सजा दिलवाने में पूरी तरह से सफल रहे हैं।
संपत्ति जब्ती और फ्रीजिंग ऑर्डर
हरियाणा पुलिस ने NDPS एक्ट की धारा 68F के तहत नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए उनकी अवैध संपत्तियों पर आर्थिक प्रहार किया। वर्ष 2025 में अब तक राज्यभर में 1.75 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियाँ जब्त और फ्रीज की गई हैं व 32.18 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पतियों की जब्त और फ्रीज की प्रक्रिया जारी है। यह कदम यह स्पष्ट करता है कि नशा तस्करी से अर्जित अवैध धन को पुलिस न केवल रोक रही है बल्कि उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरी तरह समाप्त भी कर रही है। इस प्रकार की आर्थिक कार्रवाई अपराधियों के नेटवर्क को जड़ से कमजोर करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
कमर्शियल क्वांटिटी मामलों का प्रदर्शन
वर्ष 2025 में जनवरी से अगस्त तक कमर्शियल क्वांटिटी मामलों में पुलिस की सक्रियता स्पष्ट दिखाई देती है। इस अवधि में कुल 307 एफआईआर दर्ज हुईं और 783 आरोपियों को नामजद किया गया। इनमें से 437 आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 346 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंक के आधार पर की गई गिरफ्तारियाँ शामिल हैं। तुलना में वर्ष 2024 में 1158 आरोपियों में से 613 मौके पर ही पकड़े गए थे। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि पुलिस ने वर्ष 2025 में और अधिक तेज़ और सटीक कार्रवाई की है। मौके पर गिरफ्तारी की उच्च दर यह संकेत देती है कि पुलिस की खुफिया तंत्र और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता पहले से कहीं अधिक प्रभावी हुई है।
PITNDPS एक्ट के तहत निरोधात्मक कार्रवाई
हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों पर केवल आपराधिक मामलों तक ही कार्रवाई नहीं की, बल्कि उन्हें रोकने के लिए हिरासत में लेने सम्बन्धी प्रावधानों का भी अधिकतम उपयोग किया। PITNDPS एक्ट के तहत वर्ष 2025 में अब तक 96 मामलों की समीक्षा हुई। इनमें से 51 मामलों में गृह विभाग ने हिरासत में लेने के आदेश पारित किए हैं। डबवाली, हिसार और सिरसा जैसे जिलों ने इस दिशा में सबसे अधिक सक्रियता दिखाई है। यह कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि अपराधी भविष्य में भी समाज और युवाओं को नशे की ओर धकेलने में असफल हों। इस प्रकार पुलिस केवल वर्तमान अपराध को रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य के