भारत के खिलाफ तुरंत टैरिफ हटाएं ट्रंप, 19 अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर किया आग्रह

US Tariff On India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 19 डेमोक्रेटिक सांसदों ने पत्र लिखकर भारत से संबंध सुधारने की अपील की है। उन्होंने भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को तुरंत समाप्त करने की अपील की है। Donald Trump urged to repair relation with India: अमेरिका के 19 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड […]
Khushi
By : Updated On: 09 Oct 2025 14:32:PM
भारत के खिलाफ तुरंत टैरिफ हटाएं ट्रंप, 19 अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर किया आग्रह

US Tariff On India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 19 डेमोक्रेटिक सांसदों ने पत्र लिखकर भारत से संबंध सुधारने की अपील की है। उन्होंने भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को तुरंत समाप्त करने की अपील की है।

Donald Trump urged to repair relation with India: अमेरिका के 19 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चिट्ठी लिखकर भारत के साथ संबंधों को तुरंत सुधारने की अपील की है। इन सांसदों ने भारत -मेरिका संबंधों का हवाला दिया है और कहा है कि तनाव से दोनों देशों के लोगों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने चीन के खिलाफ अमेरिकी रणनीति में भारत के महत्व को भी बताया है।

इन नेताओं ने ट्रंप से भारत के साथ अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने और टैरिफ बढ़ोतरी को वापस लेने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इससे भारतीय सामान आयात पर कुल अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। ट्रंप के इस फैसले से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर जताया दुख

8 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में अमेरिकी सांसदों ने कहा कि हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी ने “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे दोनों देशों के लिए नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।” उन्होंने राष्ट्रपति से “इस महत्वपूर्ण साझेदारी को फिर से स्थापित करने और सुधारने” का आह्वान किया।

सांसदों ने लिखा कि अगस्त 2025 के अंत में, ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिसमें शुरुआती 25 प्रतिशत “पारस्परिक” टैरिफ के साथ रूस से भारत की ऊर्जा खरीद के जवाब में अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है।

मेडिकल डेटा एनालिटिक्स कंपनी IQVIA की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में उपयोग की जाने वाली करीब 47% जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं। भारत की हिस्सेदारी इतनी बड़ी है कि उसे अक्सर दुनिया का दवाखाना (Pharmacy of the World) कहा जाता है। भारत की दवाओं का अमेरिका के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और एंटीबायोटिक जैसी जीवनरक्षक दवाएं भारत की कंपनियों से भारी मात्रा में आयात की जाती हैं। इन दवाओं की कीमत अमेरिका में स्थानीय उत्पादन की तुलना में काफी कम पड़ती है, जिससे वहां के नागरिकों को राहत मिलती है।

क्यों लिया गया यह यू-टर्न?

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगाने की जांच शुरू की थी। इस जांच में न केवल तैयार दवाएं बल्कि उनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल (API) को भी शामिल किया गया था। हालांकि, जांच के बाद वाणिज्य विभाग ने इस दायरे को सीमित करने की सिफारिश की, क्योंकि कई विशेषज्ञों का मानना था कि जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगाने से अमेरिका में दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी और मार्केट में कमी (शॉर्टेज) भी हो सकती है। एक धड़ा चाहता था कि बाहरी देशों की दवाओं पर ऊंचा टैरिफ लगाकर उत्पादन अमेरिका में वापस लाया जाए, जबकि दूसरा समूह मानता था कि ऐसा कदम अमेरिकी जनता के लिए नुकसानदेह होगा।

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