Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यहां दक्षिण-पूर्वी हिस्से में मंगलवार (2 सितंबर) को 5.5 तीव्रता का भूकंप आया।
Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 दर्ज की गई है। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, झटके स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजकर 59 मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में 34.55 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 70.68 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, धरती की सतह से लगभग 130 किलोमीटर गहराई में स्थित था।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, आज आए भूकंप के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना अब तक नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप का केंद्र अधिक गहराई में होने के कारण झटके अपेक्षाकृत कम प्रभावी रहे।
अफ़गानिस्तान में हाल ही में आए भीषण भूकंप ने हजारों परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी है। 6.0 तीव्रता वाले इस झटके ने पहाड़ी इलाकों में घरों को मलबे में बदल दिया, जिससे 1,400 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस भयंकर हादसे में तीन हजार से ज्यादा लोगों के घायल होनो की भी खबर है। भूंकप के बाद इलाके के लोग अपने हाथों से मलबा हटाकर अपनों को ढूंढ रहे हैं। सड़कों के टूट जाने से मदद पहुँचना मुश्किल हो गया है। अफगानिस्तान की यह त्रासदी सिर्फ मौत का आंकड़ा नहीं, बल्कि टूटे सपनों और बिखरे हुए घरों की कहानी है।
भूकंप से 1400 लोगों की मौत
तालिबान प्रशासन के अनुसार, अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का झटका महसूस किया गया, जिसमें अब तक 1,400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान सीमा के पास पहाड़ी इलाकों में कई घर और इमारतें ढह गईं, जिससे यह हादसा हाल के दशकों का सबसे घातक भूकंप साबित हुआ है।
अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, जहां 1400 से ज्यादा लोगों की मौत और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नजदीकी नंगरहार प्रांत में भी दर्जनों लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, जलालाबाद के पास सतह से करीब आठ किलोमीटर नीचे आए इस भूकंप से मिट्टी और पत्थर से बने कई घर पलभर में ढह गए। वहीं, आपदा राहत दल और स्थानीय लोग मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
मदद को आगे आया भारत
अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप से जानमाल के नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं साझा कीं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अफगानिस्तान में हुई आपदा पर चिंता जताते हुए वहां के लोगों के साथ भारत की एकजुटता दिखाई और मदद का आश्वासन दिया।
भारत ने काबुल में 1,000 परिवारों के लिए टेंट उपलब्ध कराए हैं और भारतीय मिशन ने काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भेजी है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी जयशंकर और मुत्ताकी के बीच हुई बातचीत की पुष्टि की और मुत्ताकी ने अफगान नागरिकों तक मदद पहुंचाने के लिए भारत का धन्यवाद किया।