Uttarakhand News: नौगांव के बीच बहने वाला नाला अतिवृष्टि के कारण उफान पर आया है। जिसके कारण कई दुकानों और घरों में पानी घुस गया।
Cloud Burst in Uttarakhand: उत्तरकाशी जनपद के नौगांव बाजार के स्योरी फल पट्टी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। एक आवासीय भवन गदेरे के मलबे में दब गया। आधा दर्जन से भी अधिक भवनों में पानी भर गया है। देवलसारी गदेरे में एक मिक्चर मशीन और कुछ दुपहिया वाहनों के बहने की भी सूचना है। एक कार भी मलबे में दब गई है। खतरे को देखते हुए कई लोग अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
इससे पहले खबर आ रही थी कि नौगांव के बीच बहने वाला नाला अतिवृष्टि के कारण उफान पर आया है। जिसके कारण कई दुकानों और घरों में पानी घुस गया। वहीं सड़क पर खड़े कई दोपहिया वाहन बह गए।
सीएम धामी ने दी Cloud Burst की जानकारी
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “जनपद उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र में अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के दल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हो चुके हैं।”
चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
मौके पर पहुंचे बचाव दल ने फंसे हुए लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे बचाव दल का सहयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
वहीं, उत्तराखंड सीएमओ कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा गया, “मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर तुरंत पहुंचाने तथा हर संभव मदद में किसी भी प्रकार की देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है।”
बादल फटने की इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, प्रशासन का पूरा ध्यान फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाने पर केंद्रित है।
उत्तराखंड के चार पर्वतीय जिलों में भूकंप से भूस्खलन का बड़ा खतरा है। इनमें रुद्रप्रयाग सबसे अधिक संवेदनशील है। पहली बार आईआईटी रुड़की के आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता उत्कृष्टता केंद्र के विशेषज्ञों ने जिलावार अध्ययन करके भूकंप से भूस्खलन के खतरों पर शोध रिपोर्ट जारी की है जो दो अगस्त को ही अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई है।
चार पर्वतीय जिलों में भूकंप से भूस्खलन का बड़ा खतरा
उत्तराखंड के चार पर्वतीय जिलों में भूकंप से भूस्खलन का बड़ा खतरा है। इनमें रुद्रप्रयाग सबसे अधिक संवेदनशील है। पहली बार आईआईटी रुड़की के आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता उत्कृष्टता केंद्र के विशेषज्ञों ने जिलावार अध्ययन करके भूकंप से भूस्खलन के खतरों पर शोध रिपोर्ट जारी की है जो दो अगस्त को ही अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई है।