Heavy Rains in Himachal: हिमाचल में भारी बारिश के कारण मलाणा में फ्लैश फ्लड आई, जिससे बड़ी संख्या में वाहन बह गए और 400 से अधिक सड़कों को बंद करना पड़ा। अब तक 101 मौतें और ₹1,692 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
Landslides and Flash Flood in Himachal: हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। प्रदेश भर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। बीते कल, यानी शनिवार से ही प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। कई स्थानों पर रुक रुक कर बारिश हो रही है वहीं कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में देर शाम से ही बारिश का दौर शुरू हो गया है।
मौसम विभाग ने आज (रविवार को) तीन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल है। इसके बावजूद प्रदेश के कई जिलों हमीरपुर और मंडी के हिस्सों में तेज बारिश हो रही है। बीते कल भी ऊना, सिरमौर और कई अन्य जिलों में भारी बारिश हुई थी। लगातार भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नेशनल हाईवे समेत 400 से अधिक सड़कें हुई ठप
बात मलाणा गांव की जहां आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने मलाणा-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के कॉफरडैम को आंशिक रूप से तोड़ दिया। इस दौरान कई डंपर ट्रक, कार और रॉक ब्रेकर बह गए। भारी बारिश के कारण पहाड़ों से मिट्टी और चट्टानें सड़कों पर गिर रही हैं। इस कारण राज्य भर में अब तक 400 से अधिक सड़कों को बंद करना पड़ा है। मंडी, चंबा और लाहौल-स्पीति जैसे जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और स्थिति पर निगरानी
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार (1 अगस्त) को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को हाल ही में राज्य में बादल फटने और भारी बारिश के कारण हुए नुकसान से अवगत करवाया। सीएम सुक्खू ने कहा कि इस मानसून के दौरान भवनों, बुनियादी ढांचे, सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, आवासीय संपत्तियों के अलावा बहुमूल्य मानव जीवन को भी भारी नुकसान हुआ है।
‘राज्य का 68 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र में’
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से जमीन गवां चुके आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए एक बीघा भूमि आवंटित करने की अनुमति देने का आग्रह किया। राज्य का 68 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र में है, इसलिए उन्होंने पुनर्वास के लिए वन मानदंडों में ढील देने की आवश्यकता पर बल दिया।
आंकड़ों में हिमाचल की स्थिति
20 जून से 2 अगस्त तक राज्य को करीब ₹1,692 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 101 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं। तबाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1,600 मकान या तो पूरी तरह ढह गए या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान 51 बार फ्लैश फ्लड, 28 क्लाउडबर्स्ट और 45 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसने राज्य की बुनियादी संरचना और जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।