IRDAI ने यह जुर्माना बीमा अधिनियम 1938 और इसके तहत बनाए गए कई नियमों और रेगुलेशन का उल्लंघन के लिए लगाया है। हालांकि, अपनी प्रेस रिलीज में नियामक ने यह नहीं साफ किया है कि पॉलिसीबाजार ने किन खास नियमों का उल्लंघन किया था।
IRDAI Action on Policybazar: यह खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो ऑनलाइन बीमा खरीदते हैं। बीमा नियामक IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड पर विभिन्न नियमों के उल्लंघन के लिए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। पॉलिसी बाजार ने कुछ इंश्योरेंस प्लान को बिना उचित आधार के टॉप कैटेगरी में दिखाया गया है।
यह एक्शन बीमा कानूनों और नियमों के अलग-अलग उल्लंघनों के कारण की गई है। कंपनी का पुराना नाम मेसर्स पॉलिसीबाजार वेब एग्रीगेटर प्राइवेट लिमिटेड था। यह अब मेसर्स पॉलिसीबाजार इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती है। IRDAI ने एक प्रेस रिलीज में इस फैसले की जानकारी दी है।
क्यों लगी पेनाल्टी?
IRDAI ने पॉलिसी बाजार को नियम तोड़ने के लिए सजा दी है, जैसे कि बिना इजाजत बड़े अधिकारियों का दूसरी कंपनियों में काम करना और गलत तरीके से पॉलिसी को बढ़ावा देना। कंपनी ने कुछ इंश्योरेंस प्लान को बेस्ट प्लान बताया था, जो अनुचित है।
पॉलिसीबाजार ने अपने नोडल अकाउंट से बीमा प्रीमियम की वसूली की और कई मामलों में इसे 24 घंटे की समयसीमा के भीतर बीमाकर्ताओं को नहीं भेजा, जो बीमा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है।
इस प्लान ने बढ़ाई पॉलिसी बाजार की चिंता
IWA ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि Bajaj Allianz Goal Assure, Edelweiss Tokyo Wealth Gain+, HDFC Click2 Wealth, SBI Life e-wealth Insurance और ICICI Signatur को टॉप 5 ULIP (Unit Linked Insurance Plan) के रूप में दिखाया गया है।
नियामक ने अपने ऑर्डर में कहा कि, “कुछ बीमा कंपनियों के कुछ विशेष इंश्योरेंस को बेस्ट या टॉप प्लान के रूप में दिखाने से, केवल इन बीमा कंपनियों और उनकी खास प्लान को वरीयता और प्रचार मिला है। IRDAI ने कहा कि इनके पास कोई खास आधार नहीं है कि वे अपने प्लान को बेस्ट या टॉप कहें। नियम के अनुसार आईडब्ल्यूए किसी भी प्लान को प्रमोट नहीं करता है। इंश्योरेंस प्लान के लिए टॉप, बेस्ट या नंबर 1 जैसे शब्द के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं है।
नियमों का पालन करने की सलाह
इरडा ने कंपनी को यह भी सलाह दी है कि वह समयबद्ध तरीके से सभी निर्देशों और सुझावों का अनुपालन सुनिश्चित करे। पॉलिसीबाजार ने बताया कि IRDAI ने जून 2020 में उसका निरीक्षण किया था, जिसके बाद अक्टूबर 2024 में कंपनी को कारण बताओ (शोकॉज) नोटिस जारी किया गया था।
दूसरी तरफ पीबी फिनटेक के ऊपर लगाए गए इरडा के जुर्माने का सीधा असर इसे स्टॉक्स पर भी देखने को मिला। मंगलवार को BSE पर इसके शेयर की शुरुआत सपाट 1779.75 रुपये पर हुई। उसके थोड़ी ही देर बाद ढाई फीसदी से ज्यादा गिरकर 1736 रुपये के स्तर पर आ गया। हालांकि, कुछ देर बाद शेयर एक फीसदी तक की रिकवरी की और यह 1754 रुपये पर आ गया।