Haryana Congress: खेतों में प्रयोग की जा रही रासायनिक खाद व जहरीले स्प्रे आदि के अंश बारिश के पानी के साथ बह कर नदी-नालों तक पहुंच कर समूचे जल को दूषित कर रहे हैं।
Cancer Patients in Sirsa: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर पीड़ितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है पर इलाज के लिए सिरसा में कोई सुविधा नहीं है। ना कोई अस्पताल है और ना ही कोई इलाज। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बस पास और राहत फंड जारी करने तक सिमटा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि यहां से 400 किमी. दूर राजस्थान के बीकानेर जिला में जाकर मरीज इलाज करवा रहे हैं। प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द सिरसा में कैंसर जांच और उपचार का प्रबंध करना होगा इससे फतेहाबाद के कैंसर रोगियों को भी लाभ होगा। सरकार की लापरवाही कैंसर रोगियोंं के जान पर भारी पड़ रही है।
कैंसर रोगियों के उपचार की सिरसा में कोई सुविधा नहीं
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने जिला स्वास्थ्य विभाग के पॉपुलेशन बेस्ड स्क्रीनिंग (पीबीएस) के तहत विभागीय टीमों ने 03 लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच की, जुटाए आंकड़ों में काफी को कैंसर पीड़ित पाया गया। कैंसर रोगियों के उपचार की सिरसा में कोई सुविधा नहीं है, उपचार के लिए रोगियों को दूर दराज यहां तक की राज्य से बाहर जाना पड़ता है। जिले के सैकड़ों रोगी बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र व पीजीआई रोहतक में इलाज करवाने पहुंचते हैं। काफी कैंसर पीढ़ित इलाज के अभाव में दम तोड़ जाते हैं।
सांसद ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक जिला में 05 हजार कैंसर के मरीज हैं। सांसद ने कहा कि इस क्षेत्र में कैंसर का प्रमुख कारण अध्याधिक रासायनिक खाद, कीटनाशक और अन्य विषैले स्प्रे के प्रयोग को माना जाता है। इसके साथ ही घग्घर नदी में फैक्टिरियों से डाला जा रहा विषाक्त अवशेष भी है।
खेतीबाड़ी से हो रहे प्रदूषण के कारण लोग कैंसर की चपेट में
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि यदि हम खेतीबाड़ी की बात करें तो खेतों में प्रयोग होने वाली रासायनिक खाद, कीटनाशक और अन्य विषैले स्प्रे ने जहां हमारे पवन-पानी की दूषित कर दिया है वहीं इन जहरीले रासायनिक तत्वों ने हमारे रक्त, हमारी खुराक और पशुधन को भी प्रत्यक्ष कुप्रभावित किया है। ये विषैले तत्व तो आज मां के दूध में भी मौजूद हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मां कि कोख में पल रहा बचा गर्भ में ही इन विषों का शिकार हो जाता है जो आयु पर्यंत रहेगा। एक शोध में साफ हो चुका है कि खेतीबाड़ी से हो रहे प्रदूषण के कारण यहां के लोग कैंसर की महामारी की चपेट में आ रहे हैं। खेतों में प्रयोग की जा रही रासायनिक खाद व जहरीले स्प्रे आदि के अंश बारिश के पानी के साथ बह कर नदी-नालों तक पहुंच कर समूचे जल को दूषित कर रहे हैं। आज हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि अनेक ब्लाकों में पानी पीने योग्य नहीं रहा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि घग्घर नदी के समीपवर्ती क्षेत्र में कैंसर रोगियों की संख्या दूसरे क्षेत्रों से कही अधिक है। सीएम सिरसा में निर्माणाधीन बाबा सरसाईनाथ मेडिकल कालेज के साथ ही कैंसर केयर सेंटर खोलने की घोषणा की है पर इसे खुलने में कई साल लग सकते है ऐेसे में कैंसर रोगियों को खद के भरोसे तो नहीं छोड़ा जा सकता। सांसद ने कहा कि अकेला सिरसा ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में बढ़ती कैंसर रोगियों की संख्या गंभीर चिंता का विषय बना हुई है।
सांसद ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द कैंसर रोगियों की जांच और उपचार की व्यवस्था सिरसा में शुरू की जानी चाहिए। अधिकतर कैंसर रोगी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों से आते है। सांसद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सिरसा में जल्द से जल्द से कैंसर जांच और उपचार की सुविधा की व्यवस्था करवाई जाए।