Shimla Traffic Jams: मैदानी इलाकों में चिलचिलाती धूप के चलते जून की शुरुआत से ही शिमला में पर्यटकों का भारी सैलाब उमड़ पड़ा है।
Tourists in Shimla: उत्तरी भारत में इस समय गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल किया हुआ है। ऐसे में हर कोइ पहाड़ी इलाकों का रुख़ कर रहा है। एक तरफ तो जलती तपती गर्मी से लोग राहत चाह रहे हैं दुसरी ओर बच्चों के स्कूलों मेंं छुट्टियाँ होने की वजह से पहाड़ों पर समय बिताने से अच्छा ओपशन ओर किया हो सकता है।
गर्मी से राहत पाने के लिए इन दिनों लाखों सैलानी पहाड़ों की रानी शिमला का रुख कर रहे हैं। मैदानी इलाकों में चिलचिलाती धूप के चलते जून की शुरुआत से ही शिमला में पर्यटकों का भारी सैलाब उमड़ पड़ा है। लेकिन इस भीड़ के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराने लगी है।
शोघी बैरियर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 1 से 10 जून के बीच कुल 1,89,582 वाहन शिमला में दाखिल और बाहर निकले। इनमें से करीब एक लाख गाड़ियां बाहरी राज्यों से आई थीं। अगर औसतन हर वाहन में चार से पांच यात्री माने जाएं, तो शिमला में इन दस दिनों में लगभग पांच लाख पर्यटक पहुंचे। इस भारी भीड़ का असर शिमला की सड़क व्यवस्था पर साफ नजर आ रहा है। सभी प्रमुख पार्किंग स्थल पहले ही फुल हो चुके हैं और अब सड़क किनारे भी अव्यवस्थित तरीके से गाड़ियां खड़ी की जा रही हैं। इससे शहर में जाम की स्थिति आम हो गई है। खासकर सुबह और शाम के समय ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ जाता है।

उम्मीद से ज्यादा पहुंच रहे सैलानी
कई जगहों पर चंद मिनटों का सफर घंटों में तब्दील हो रहा है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए शहर में दो अतिरिक्त ट्रैफिक टुकड़ियां तैनात की गई हैं, जो ट्रैफिक को नियंत्रित करने में मदद कर रही हैं। पुलिस प्रशासन लगातार ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे जरूरी कार्यों के लिए थोड़ा जल्दी घर से निकलें और पुलिस का सहयोग करें।
पर्यटक भी शिमला की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हैं, लेकिन ट्रैफिक जाम ने उनकी यात्रा को थोड़ा थका देने वाला बना दिया है। पर्यटन सीजन ने जहां होटल, टैक्सी और रेस्टोरेंट कारोबारियों के चेहरे खिला दिए हैं, वहीं स्थानीय लोगों को ट्रैफिक और भीड़ से जूझना पड़ रहा है। शिमला में पार्किंग की क्षमता महज छह से सात हजार वाहनों की है, लेकिन मौजूदा सीजन में रोजाना इससे कहीं अधिक वाहन पहुंच रहे हैं। शिमला प्रशासन और पुलिस की चुनौतियां इन दिनों चरम पर हैं।
उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में ट्रैफिक मैनेजमेंट और बेहतर प्लानिंग से हालात कुछ हद तक सुधरेंगे, ताकि सैलानी भी आनंद ले सकें और स्थानीय लोगों को भी राहत मिल सके।