Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल सरकार इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखेगी, ताकि राज्य के लोग अपने अधिकार प्राप्त कर सकें।
CM Sukhu wrote a letter to PM Modi: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में बीबीएमबी प्रोजेक्ट से राज्य को मिलने वाली बकाया बिजली रॉयल्टी और फ्री बिजली के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी प्रोजेक्ट 28 से 29 मेगावाट बिजली उत्पन्न करता है, जबकि सभी हाइडल प्रोजेक्ट्स के लिए नीति यही है कि 12% रॉयल्टी प्रदेश को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब बीबीएमबी स्थापित हुआ था, तब वह पंजाब का हिस्सा हुआ करता था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसकी नींव रखी थी। उस समय हिमाचल प्रदेश में अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभाव था। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को 7.9% भूमि का हिस्सा दिया है, लेकिन जो फ्री रॉयल्टी का दावा भारत सरकार ने किया था, वह हिमाचल प्रदेश को नहीं मिल रहा है।
इस के साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य को 12% रॉयल्टी और फ्री बिजली दी जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अन्य हाइडल प्रोजेक्ट्स से राज्य को फ्री बिजली और रॉयल्टी मिल रही है, लेकिन बीबीएमबी से यह लाभ नहीं मिल रहा है। बीबीएमबी हिमाचल प्रदेश की जमीन पर स्थित है, जहां से बिजली उत्पन्न की जाती है। लेकिन जो लोग इस परियोजना के कारण अपने घरों से विस्थापित हुए थे, उन्हें अभी तक राजस्थान में कोई पुनर्वास नहीं मिला है, और हिमाचल के लोगों को उनके अधिकार नहीं मिल पाए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल सरकार इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखेगी, ताकि राज्य के लोग अपने अधिकार प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि राज्य को 25 मैगावाट से ऊपर के प्रोजेक्ट्स का लाभ 40 साल के बाद मिल जाए, तो हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बन सकता है। यह लड़ाई राज्य की कांग्रेस सरकार भारत सरकार से लड़ रही है। प्रदेश का पानी और संसाधन, जिनसे बिजली उत्पन्न की जाती है, पर राज्य के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यह मुद्दा कानूनी रूप से और अन्य राज्य सरकारों से भी बातचीत करके उठाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में जुलाई के महीने में होगी अगली सुनवाई
अगर यह हक समय पर मिल जाता तो आज हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में स्थिति बेहतर होती। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश उत्कृष्ट नहीं बन पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि 2011 से राज्य को यह लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन 14 साल बाद भी यह पूरा अधिकार हिमाचल को नहीं मिला है। कभी पंजाब और कभी हरियाणा, दोनों राज्यों ने इस मामले में सहयोग नहीं किया है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जुलाई के महीने में होगी। इस सुनवाई से पहले दोनों राज्यों से सहमति के लिए एफिडेविट मांगे गए थे, और पंजाब ने एफिडेविट दे दिया है। अब देखना होगा कि हरियाणा द्वारा बीबीएमबी प्रोजेक्ट से जुड़े बकाया एरियर का भुगतान हिमाचल प्रदेश को मिलता है या नहीं।