Disaster in Himachal: ये लोग वो खौफनाक रात कभी नहीं भुल पाएँगे जब रात 12 से 1 बजे तबाही मची, जिसमें पूरा गांव तबाह हो गया।
Dog Saved People Lives: अभी तक सुनते आ रहे हैं कि हाथी, घोड़ा, और कुत्ता बड़ा वफादार होता है। कई फिल्मों में भी देखा गया कि जानवर कितने वफादार होते हैं। डॉगी के वफादारी की कई कहानियां और घटनाएं आपने सुनी या देखी होंगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे कुत्ते की कहानी बता रहे हैं जिसने एक-दो नहीं बल्कि 20 परिवारों के 67 लोगों की जान बचाई।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में अचानक आई बाढ़ के कारण धर्मपुर इलाके का सियाठी गांव पूरी तरह तबाह हो चुका है। इस गांव के लोगों ने मंदिर में पनाह ली है। करीब 20 परिवारों के 67 लोगों सात दिनों से मंदिर में हैं। और ये लोग वो खौफनाक रात कभी नहीं भुल पाएँगे जब रात 12 से 1 बजे तबाही मची, जिसमें पूरा गांव तबाह हो गया।
कोई नहीं भुल सकता 30 जून की वो रात
लोगों का कहना है कि अगर कुत्ता भौंकता नहीं तो कोई नहीं बचता। गांव के निवासी नरेंद्र ने कहा, 30 जून की वो रात भूल नहीं सकता। लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी। लेकिन रात 12 बजे के आसपास उनके घर की दूसरी मंजिल पर सोया कुत्ता अचानक तेज भौंकने लगा और फिर रोने लगा।

नरेंद्र ने आगे कहा लगातार कुत्ते के रोने की आवाज सुनकर नींद टूट गई। मैं जब कुत्ते के पास पहुंचा तो देख घर में एक बड़ी सी दरार आ चुकी थी। पानी तेज़ी से भरने लगा। कुत्ते को लेकर नीचे भागा और परिवार के सभी लोगों को जगाया।
साथ ही गांव के दूसरे लोगों को भी नींद से जगाकर सुरक्षित स्थानों पर भागने को कहा। इन्होंने ऊपर त्रियंबला गांव के लोगों को फोन किया और आपदा की जानकारी दी। बारिश इतनी तेज थी सियाठी गांव के पुरुष और महिलाएं नंगे पैर भागे पड़े। उसी दौरान पहाड़ का बड़ा टुकड़ा गांव पर गिर गया। जिसमें दर्जन भर मकान दब गए। अब गांव में चार से पांच मकान दिख रहे हैं। बाकी पत्थर और मलबा के नीचे दब चुके हैं।
नैना देवी के मंदिर ली शरण
यहां के सभी लोग ने त्रियंबला गांव में बने नैना देवी के मंदिर में सात दिनों से शरण ले रखी है। गांव में मौजूद हिमाचल की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि इनमें बुजुर्ग, महिला और बच्चे हैं। महिलाओं और बुजुर्ग में त्रासदी की वजह बीपी और डिप्रेशन की शिकायत बहुत सामने आ रही है।