ड्रग तस्करी पर एक्शन मोड में ट्रंप, भारत के कई अधिकारियों का वीजा रद्द, जाने पूरा मामला

US Visa: जिन कंपनियों पर फेंटेनाइल तस्करी का आरोप है, उनसे जुड़े अधिकारियों की वीजा जांच भी और सख्त की जाएगी।
US Revokes Visa of Indian Executives: टैरिफ के बाद अब ट्रंप प्रशासन ड्रग्स को लेकर भी एक्शन में है। दिल्ली स्थित यूएस एम्बेसी ने एक भारतीय कंपनी के अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों का वीजा रद्द कर दिया है। वीजा रद्द के पीछे फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीला पदार्थ) की तस्करी में उनकी कथित संलिप्तता को बताया गया है। इससे पहले अमेरिका ने भारत पर 50 फीसद टैरिफ लगाया था, अब अमेरिका का ये कदम भारत के लिए एक और झटका बताया जा रहा है।
दूतावास के मुताबिक, वीजा रद्द होने के बाद संबंधित लोग और उनके परिजन अब अमेरिका यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं। इसके साथ ही, जिन कंपनियों पर फेंटेनाइल तस्करी का आरोप है, उनसे जुड़े अधिकारियों की वीजा जांच भी और सख्त की जाएगी। एम्बेसी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि जिन आरोपियों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे सभी भारतीय मूल के नागरिक हैं।
भारत समेत 23 देशों को ड्रग तस्कर बताया
ट्रम्प ने 23 देशों को ड्रग तस्करी और अवैध ड्रग प्रोडक्शन करने वाले देशों की लिस्ट में शामिल किया है। इन देशों में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, कोलंबिया, बोलिविया और वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं।
ट्रम्प ने 15 सितंबर को अमेरिकी संसद को सौंपी गई ‘प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन रिपोर्ट’ में कहा कि इन देशों में अवैध ड्रग्स उत्पादन और तस्करी अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
ड्रग्स के खिलाफ अमेरिका
अमेरिका दूतावास की प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि जो लोग हमारे देश में अवैध दवाओं की तस्करी में मदद करते हैं, उन्हें देश में एट्री नहीं मिलेगी। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “इस निर्णय के परिणामस्वरूप, ये लोग और उनके परिवार के करीबी सदस्य अमेरिका की यात्रा नहीं कर पाएगे।”
क्या होता है फेंटेनाइल प्रीकर्सर?
फेंटेनाइल प्रीकर्सर रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिनका इस्तेमाल फेंटेनाइल और इसके एनालॉग्स के संश्लेषण में शुरुआती मेटेरियल या प्रमुख मध्यवर्ती के रूप में किया जाता है, जिन्हें अक्सर गैर-क़ानूनी बताया जाता है। क्योंकि इनका इस्तेमाल नशीरले पदार्थ बनाने के लिए किया जाता है।
अमेरिकी दूतावास के मुताबिक कुछ भारतीय कंपनियों के अधिकारियों के वीजा रद्द करने का कदम अमेरिकियों को सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरों से बचाने के वाशिंगटन के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।