नोबेल की दौड़ में इस बार 338 दावेदार, पोप फ्रांसिस और गुटेरस के नाम भी शामिल, जानें कैसे मिलता है ये पुरस्कार

Nobel Peace Prize: नार्वेजियन नोबेल संस्थान ने घोषणा की है कि 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 338 उम्मीदवार नामांकित हैं जिनमें से 244 व्यक्ति और 94 संगठन हैं।
Nobel Peace Prize 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार पाने के लिए खासे बेकरार हैं, लेकिन ट्रंप पुरस्कार की दौड़ से पहले ही बाहर हो गए हैं। दरअसल नोबेल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम समयसीमा के बाद प्रस्तावित किया गया। ओस्लो में 10 अक्तूबर को होने वाले पुरस्कारों के एलान के लिए इस बार दौड़ में 338 दावेदार हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 338 उम्मीदवार नामांकित
नार्वेजियन नोबेल संस्थान ने घोषणा की है कि 2025 केनोबेल शांति पुरस्कार के लिए 338 उम्मीदवार नामांकित हैं, जिनमें से 244 व्यक्ति और 94 संगठन हैं। पुरस्कार के लिए नामित प्रमुख हस्तियों में पोप फ्रांसिस, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और नाटो के पूर्व महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग भी शामिल हैं।
2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी थी। पिछले साल 286 उम्मीदवार नामांकित थे। 2016 में सबसे अधिक 376 उम्मीदवार नामांकित हुए थे। नोबेल समिति नामांकित व्यक्तियों के नामों की पुष्टि नहीं करती है।
कौन तय करता है?
नॉर्वेजियन नोबेल समिति में नॉर्वेजियन संसद के नियुक्त पांच व्यक्ति होते हैं। ये सदस्य अक्सर सेवानिवृत्त राजनेता होते हैं, लेकिन हमेशा नहीं। वर्तमान समिति का नेतृत्व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले समूह पीईएन इंटरनेशनल की नॉर्वेजियन शाखा के प्रमुख करते हैं। एक अन्य सदस्य एक शिक्षाविद हैं। इन सभी सदस्यों को नॉर्वेजियन राजनीतिक दल नामित करते हैं और इनकी नियुक्तियां नॉर्वे की संसद में शक्ति संतुलन को उजागर करती हैं।
कौन जीत सकता है?
ऐसा कोई भी शख्स जो स्वीडिश उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल की 1895 की वसीयत में दिए गए विवरण पर खरा उतरे। वह नोबेल पुरस्कार का हकदार होता है। इसके मुताबिक, पुरस्कार ऐसे शख्स को दिया जाना चाहिए जिसने राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने,स्थायी सेनाओं को खत्म करने या कम करने और शांति सम्मेलनों की स्थापना और संवर्धन के लिए सबसे अधिक या सर्वोत्तम काम किया हो। पुरस्कार की तैयारी का काम देखने वाले नोबेल शांति पुरस्कार समिति के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन के मुताबिक, विजेता चुनना आसान नहीं होता। उनके अनुसार यह पुरस्कार मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर समझना चाहिए। समिति दुनिया में हो रही घटनाओं,अंतरराष्ट्रीय रुझानों, बड़ी चिंताओं और सबसे आशाजनक प्रक्रियाएं मसलन, फिर चाहे वह शांति प्रक्रिया हो या नया अंतरराष्ट्रीय समझौता तक हो सकती हैं। हार्पविकेन चर्चाओं में शामिल हो सकते हैं,लेकिन मतदान नहीं कर सकते।
कौन नामांकित कर सकता है?
हजारों लोग नामों का प्रस्ताव कर सकते हैं। इनमें सरकारों और संसदों के सदस्य,वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष,इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कानून और दर्शनशास्त्र के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और पूर्व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता या अन्य शामिल होते है। इस साल पुरस्कार के लिए 338 नामांकित शख्स हैं। इन नामों की पूरी सूची 50 साल तक गुप्त रहती है, हालांकि कुछ लोग अपने नामांकन खुद जाहिर कर देते हैं।
समिति कैसे निर्णय लेती है?
हार्पविकेन बताते हैं कि नामांकन 31 जनवरी को बंद हो जाते हैं। समिति सदस्य अपनी पहली बैठक (फरवरी) तक नाम जोड़ सकते हैं। उसके बाद सभी नामों की समीक्षा कर एक शॉर्टलिस्ट बनाई जाती है। हर उम्मीदवार का मूल्यांकन स्थायी सलाहकार और विशेषज्ञों करते हैं। समिति लगभग महीने में एक बार मिलती है और आमतौर पर निर्णय अगस्त या सितंबर में लेती है। समिति सहमति से फैसला चाहती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर मतदान होता है। आखिरी बार समिति सदस्य का विरोध में इस्तीफा 1994 में हुआ था, तब फलस्तीनी नेता यासिर अराफात के इस्राइल के शिमोन पेरेज और यित्जाक राबिन को संयुक्त तौर पर नोबेल पुरस्कार मिला था।
किसे नामित किया गया है?
पूरी सूची 50 साल तक गुप्त रहती है, हालांकि नामांकन करने वाले चाहें तो नाम सार्वजनिक कर सकते हैं। इस साल जिनके नाम सामने आए उनमें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय,नाटो, जेल में बंद हांगकांग कार्यकर्ता चाउ हैंग तुंग और कनाडाई मानवाधिकार वकील इरविन कोटलर शामिल हैं। कंबोडिया,इस्राइल और पाकिस्तान के नेताओं के मुताबिक, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नामित किया था,लेकिन ये नामांकन 31 जनवरी की समय सीमा के बाद वसंत और गर्मियों में किए गए थे,इसलिए वे 2025 के पुरस्कार के लिए मान्य नहीं हैं।
पुरस्कार समारोह में विजेता को मिलेगा
पुरस्कार में स्वर्ण पदक, डिप्लोमा, 1.19 मिलियन डॉलर यानी लगभग 10 करोड़ रुपये और वैश्विक पहचान शामिल है। ओस्लो स्थित नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान में समिति के अध्यक्ष जोर्जेन वाटने फ्राइडनेस शुक्रवार 10 अक्तूबर को 09:00 जीएमटी यानी भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे करेंगे। पुरस्कार समारोह अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को ओस्लो सिटी हॉल में होगा।