Home Minister Amit Shah break Record: 30 मई, 2019 को कार्यभार संभालने के बाद से 2,258 दिनों तक पद पर रहने के साथ शाह ने अब वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
Amit Shah completed 2,258 days as Home Minister: अमित शाह के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाना माना जाता है। उन्होंने राज्यसभा में ‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019’ पेश किया, जिसने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए की संसदीय दल की बैठक में अमित शाह की तारीफ की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।
दरअसल अमित शाह मंगलवार को भारत के सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात का जिक्र किया और अमित शाह की जमकर तारीफ की। अमित शाह ने एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है कि वे सबसे लंबे कार्यकाल वाले देश के गृहमंत्री बन गए हैं। अमित शाह ने इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ दिया।
अमित शाह ने गृह मंत्री रहते हुए 2,258 दिन पूरे कर लिए हैं। इस तरह वे पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के 2,256 दिनों के कार्यकाल से आगे हो गए हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल 1,218 दिनों तक गृहमंत्री रहे थे। अहम बात यह भी है कि अमित शाह ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले लिए। इसकी खूब चर्चा भी हुई।
शुरुआती जीवन और राजनीतिक करियर की शुरुआत
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुजरात के अपने पैतृक गांव मनसा में पूरी की और बाद में अहमदाबाद चले गए। उनकी राजनीतिक यात्रा 16 साल की उम्र में शुरू हुई, जब वे 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से एक ‘स्वयंसेवक’ के रूप में जुड़े। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय रूप से भाग लिया।
1989 में वे भाजपा के अहमदाबाद शहर के सचिव बने जिसने उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के लिए मुख्य प्रचारक और चुनाव रणनीतिकार के रूप में भी काम किया। 2014 में, 49 साल की उम्र में वे भाजपा के सबसे युवा अध्यक्ष बने और 2019 में 54 साल की उम्र में सबसे युवा केंद्रीय गृह मंत्रियों में से एक बने।
5 अगस्त 2019 को लिया गया था शाह के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला
अमित शाह के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाना माना जाता है। उन्होंने राज्यसभा में ‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019’ पेश किया, जिसने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। यह विधेयक राज्यसभा में 125 मतों से और लोकसभा में 370 मतों से पारित हुआ, जिससे यह ऐतिहासिक बदलाव संभव हो पाया।