कोई भी नीति वास्तविक आंकड़ों के आधार पर होती है सफल : मुख्यमंत्री

Environmental Accounting on Forests 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत‘ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसको पूरा करने में स्थानीय शासन और सटीक आंकड़े सबसे अहम भूमिका निभाएंगे: CM सैनी Children in India 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सही आंकड़े सही निर्णय का आधार होते हैं […]
Khushi
By : Updated On: 25 Sep 2025 16:54:PM
कोई भी नीति वास्तविक आंकड़ों के आधार पर होती है सफल : मुख्यमंत्री

Environmental Accounting on Forests 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत‘ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसको पूरा करने में स्थानीय शासन और सटीक आंकड़े सबसे अहम भूमिका निभाएंगे: CM सैनी

Children in India 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सही आंकड़े सही निर्णय का आधार होते हैं और तथ्यों के बिना विकास अधूरा है। हर क्षेत्र में सटीक आंकड़ों की भूमिका निर्णायक होती है तथा कोई भी नीति तभी सफल होगी, जब वह वास्तविक आंकड़ों पर आधारित होगी।

उन्होंने कहा कि ‘स्थानीय स्तर पर शासन को सशक्त बनाना‘ है। यह न केवल समय की मांग है, बल्कि नए भारत की आकांक्षाओं की पूर्ति का मार्ग भी है। जब शासन को स्थानीय स्तर पर सशक्त किया जाता है, तब योजनाएं केवल फाइलों में नहीं रहतीं, बल्कि जन-जन तक पहुंचती हैं तो यही लोकतंत्र की ताकत है। इस दौरान मुख्यमंत्री और केंद्रीय राज्यमंत्री ने ‘चिल्ड्रन इन इंडिया 2025‘ और एनवायरनमेंट एकाउंटिंग ऑन फॉरेस्ट 2025 का विमोचन किया।

प्रधानमंत्री ने पिछले एक दशक में ‘डाटा ड्राइवन गवर्नेंस‘ को दी प्राथमिकता

नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक दशक में डाटा ड्राइवन गवर्नेंस को प्राथमिकता दी है। उन्होंने आधार कार्ड से पहचान को सुनिश्चित किया और जनधन खातों से गरीबों तक योजनाएं सीधे पहुंचाने का कार्य किया है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से डेटा संग्रहण और पारदर्शिता को नई ऊंचाई दी। केंद्रीय और राज्य सांख्यिकी संगठनों की भूमिका नीति-निर्माण से लेकर नीति कार्यान्वयन तक हर चरण पर महत्वपूर्ण होती है।

आंकड़ों का तकनीक के साथ समन्वय ही देता है वास्तविक और प्रभावी परिणाम

उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीक का युग है। आंकड़ों का तकनीक के साथ समन्वय ही वास्तविक और प्रभावी परिणाम देता है। आंकड़ों व तकनीक के मेल से हमने हरियाणा में अनेक सफल प्रयोग किए हैं। आज देश के अनेक राज्य भी उनका अनुसरण कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ‘मेरा परिवार मेरी पहचान‘ कार्यक्रम है। इसके माध्यम से सरकार ने हर परिवार का डाटाबेस तैयार किया है। इस डाटा के आधार पर योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सीधा पात्र परिवारों तक पहुंच रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, हर क्षेत्र में यह डाटा एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

हर राज्य सटीक डेटा संग्रहण और उपयोग में एक-दूसरे से करे प्रतिस्पर्धा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत‘ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसको पूरा करने में स्थानीय शासन और सटीक आंकड़े सबसे अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हर पंचायत के पास डेटा डैशबोर्ड हो, हर जिले में सांख्यिकीय नवाचार प्रयोगशाला स्थापित हो और हर राज्य सटीक डेटा संग्रहण और उपयोग में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करे।

हरियाणा के आर्थिक विकास की तस्वीर भी आंकड़ों की सटीकता से होती है स्पष्ट

नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा के आर्थिक विकास की तस्वीर भी आंकड़ों की सटीकता से स्पष्ट होती है। वर्ष 2014-15 में राज्य की जी.डी.पी. 4 लाख 37 हजार करोड़ रुपये थी। यह वर्ष 2024-25 में बढ़कर 12 लाख 13 हजार करोड़ रुपये हो गई है। इसी अवधि में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 47 हजार रुपये से बढ़कर 3 लाख 53 हजार रुपये हो गई है।

डाटा के महत्व को पहचानते हुए हरियाणा में अनेक डाटा सेंटर आरम्भ करने की पहल की

उन्होंने कहा कि डाटा के महत्व को पहचानते हुए हरियाणा में अनेक डाटा सेंटर आरम्भ करने की पहल की है। नारायणगढ़ में 11 अगस्त, 2025 से ‘ऑनलाइन पेपरलेस डीड रजिस्ट्रेशन‘ का एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय स्तर पर शासन को सशक्त करना है तो सटीक आंकड़े, गांव, वार्ड और मोहल्ले स्तर पर हर जानकारी का अपडेटिड रिकॉर्ड, जन-भागीदारी, तकनीक का उपयोग जैसे कि एआई, मशीन लर्निंग और डिजिटल टूलस के ज़रिये योजनाओं की निगरानी करनी होगी।

‘हरियाणा ए.आई. विकास परियोजना‘ के तहत करने जा रहा 474 करोड़ रुपये का निवेश

नायब सिंह सैनी ने कहा कि ‘हरियाणा ए.आई. विकास परियोजना‘ वर्ष 2025-28 के तहत 474 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं। इसके तहत गुरुग्राम में वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र तथा पंचकूला में एडवांस्ड कंप्यूटिंग सुविधा स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी मंत्रालय ने हरियाणा की सांख्यिकीय प्रणाली को और अधिक सशक्त एवं तकनीकी दृष्टि से उन्नत बनाने हेतु 5 करोड़ रुपये के एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये हैं। यह सम्मेलन केंद्रीय और राज्य सांख्यिकी संगठनों के बीच साझा मुद्दों पर चर्चा करने और क्षमता विकास का कारगर मंच साबित होगा।

इस अवसर पर सम्मेलन में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग, हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और हिमाचल प्रदेश के योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया सहित विभिन्न राज्यों से आए अधिकारी मौजूद रहे।

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