Kumari Selja Slam on Government: कई मामलों में मरीजों को यह कहकर लौटा दिया गया है कि आयुष्मान कार्ड अब मान्य नहीं है। इससे न केवल लोगों की सेहत खतरे में है बल्कि यह आमजन के अधिकारों का खुला उल्लंघन भी है।
Ayushman Card Holders in Haryana: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा इलाज बंद करने की चेतावनी अत्यंत चिंताजनक है। आईएमए के अनुसार लगभग 500 करोड़ रुपये का भुगतान पिछले चार महीनों से लंबित है, जिसके चलते निजी अस्पतालों ने 07 अगस्त की रात 12 बजे से आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का इलाज बंद करने की घोषणा की है।
भुगतान को लेकर हर बार आईएमए को हर बार कड़ा रूख अपनाना पड़ता है, अगर जरूरतमंदों का ईलाज ही बंद कर दिया गया तो सरकार मनमानी कर उनका जीवन जानबूझकर संकट में डाल रही है। ऐसे में जनहित को सर्वोपरि रखते हुए सरकार को जल्द से जल्द उचित कदम उठाना चाहिए।
सैलजा ने हरियाणा सरकार से किया आग्रह
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को इस योजना के तहत नि:शुल्क इलाज मिलना चाहिए, उन्हें चिकित्सकों और अस्पतालों से बार-बार मना किया जा रहा है। कई मामलों में मरीजों को यह कहकर लौटा दिया गया है कि आयुष्मान कार्ड अब मान्य नहीं है। इससे न केवल लोगों की सेहत खतरे में है बल्कि यह आमजन के अधिकारों का खुला उल्लंघन भी है। वे हरियाणा सरकार से आग्रह करती है कि चिकित्सकों और अस्पतालों के बकाया भुगतान को अविलंब किया जाए ताकि योजना के तहत गरीबों का इलाज निर्बाध रूप से जारी रह सके। सरकार का यह कर्तव्य है कि वह योजना को प्रभावी ढंग से संचालित करे और बीच में उत्पन्न हुई इस प्रशासनिक और वित्तीय विफलता को तत्काल दूर करे।
हरियाणा सरकार ने बनाए चिरायु और चिरायु एक्सटेंशन कार्ड भी
कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में इस समय करीब 600 प्राइवेट अस्पताल है। अधिकतर में आयु मान कार्ड धारक मरीजों का पांच लाख रुपये तक इलाज किया जाता है, मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का भुगतान सरकार इलाज करने वाले अस्पताल को देती है। यह योजना देश में सितंबर 2018 में शुरू की गई थी। हरियाणा सरकार ने चिरायु और चिरायु एक्सटेंशन कार्ड भी बनाए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा मिलेगा। 70 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को योजना का लाभ देने का प्रावधान भी किया जा रहा है।
सांसद ने कहा कि भुगतान को लेकर आठ जनवरी को आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम नायब सिंह सैनी से मिला था तब 15 दिनों में भुगतान का आश्वासन दिया गया था। तीन फरवरी को आईएमए प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव, सीएम के प्रधान मुख्य सचिव से मिला था तब 15 मार्च से पहले भुगतान का आश्वासन दिया गया था पर कोई समाधान नहीं हुआ।
यह योजना गरीबों के लिए जीवनरेखा
सांसद ने कहा कि आईएमए से जुड़े पदाधिकारी ये भी आरोप लगाते है कि नए पोर्टल पर दुबारा पैनल में शामिल करने में कई अस्पतालों का एएबीएच काट लिया जाता है, इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पताल संचालकों की ओर से सरकार के पास जा बिल भेजे जाते है उनमें अधिकारियों द्वारा मनमानी कटौती की जाती है। यानि भुगतान के नाम पर प्राइवेट अस्पताल संचालकों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
सांसद ने कहा है कि जनहित को सर्वोपरि रखते हुए वे मुख्यमंत्री से अपील करती है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप कर सभी भुगतान सात अगस्त से पूर्व प्राइवेट अस्पताल संचालकों को भुगतान करवा दें। यह योजना गरीबों के लिए जीवनरेखा है और इसके बंद होने से राज्य में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है।