LPG कनेक्शन के लिए भी मिलेगी पोर्टेबिलिटी की सुविधा, बदल सकते हैं कंपनी- चेक करें डिटेल्स

LPG Connection: अब एलपीजी उपभोक्ता बिना नया कनेक्शन लिए अपनी गैस कंपनी बदल सकेंगे। पीएनजीआरबी ने ‘एलपीजी इंटर-ऑपरेबिलिटी’ पर सुझाव मांगे हैं। लोगों की इसपर राय जानने के बाद देशभर में इसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी।
Port your LPG Company: अगर आप अपने गैस सप्लायर या डीलर की खराब सर्विस, डिलीवरी में देरी या मनमानी से परेशान हैं, तो जल्द ही आपको राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) एक ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत ग्राहक अब मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह ही अपनी मौजूदा गैस कंपनी को भी बदल सकेंगे।
क्या है LPG पोर्टेबिलिटी ऑप्शन?
अभी के समय में पोर्टेबिलिटी केवल एक ही कंपनी के अलग-अलग डीलरों के बीच सीमित थी (जैसे, A कंपनी का ग्राहक सिर्फ किसी दूसरे A डीलर को चुन सकता था)। यानी किसी कंपनी का सिलेंडर केवल उसी कंपनी द्वारा रिफिल किया जा सकता है। PNGRB इस बाधा को दूर करने की योजना बना रहा है, जिससे ग्राहक बिना नया कनेक्शन लिए, अपनी मौजूदा सर्विस दूसरी कंपनी में ले सकते हैं।
2014 में सिर्फ डीलर को बदलने का था विकल्प
हालांकि, उपभोक्ताओं को 2014 में सिर्फ अपने डीलर बदलने के सीमित विकल्प दिए गए थे, तेल कंपनी बदलने का विकल्प नहीं था। उस समय कंपनियों के बीच पोर्टेबिलिटी कानूनी रूप से संभव नहीं थी, क्योंकि कानून के अनुसार किसी विशेष कंपनी के एलपीजी सिलेंडर को रिफिल के लिए केवल उसी कंपनी को जमा करना होता था।
नियम और दिशानिर्देश किए जाएंगे तैयार
PNGRB अब कंपनियों के बीच पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने की बात कर रहा है। नियामक ने कहा, ”पीएनजीआरबी, एलपीजी सप्लाई की निरंतरता को मजबूत करने और ग्राहकों के भरोसे की सुरक्षा के लिए उपभोक्ताओं, वितरकों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य हितधारकों से ऐसे उपायों पर विचार और सुझाव आमंत्रित करता है जिनसे समय पर रिफिल की सुविधा मिल सके।” टिप्पणियां मिलने के बाद पीएनजीआरबी एलपीजी पोर्टेबिलिटी के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगा और देश में इसे लागू करने की तारीख तय करेगा।
पहले भी हुई थी कोशिश
2013 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने कुछ जिलों में पायलट पोर्टेबिलिटी स्कीम शुरू की थी, जिसे 2014 में पूरे देश में फैलाया गया। लेकिन उस समय सिर्फ डीलर बदलने की सुविधा थी, कंपनी नहीं। कानूनी रूप से, किसी कंपनी का सिलिंडर सिर्फ उसी कंपनी से रिफिल हो सकता था इसलिए कंपनी बदलना संभव नहीं था।
अब हुआ बदलाव
अब पीएनजीआरबी कंपनी बदलने की सुविधा देने की बात कर रहा है। उन्होंने उपभोक्ताओं, वितरकों और नागरिक संगठनों से सुझाव मांगे हैं, ताकि समय पर रिफिल और बेहतर सेवा सुनिश्चित की जा सके।
सभी टिप्पणियां मिलने के बाद, नियामक बोर्ड नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगा, और फिर देशभर में इसे लागू करने की तारीख तय की जाएगी।