दशहरा उत्सव के समापन पर भव्य ‘कुल्लू कार्निवाल’, ढालपुर में दिखी संस्कृति की अनूठी झलक

Kullu Carnival: अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन सोमवार को जिला मुख्यालय ढालपुर में भव्य “कुल्लू कार्निवल परेड” का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सांस्कृतिक परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें कुल्लू की लोक संस्कृति, पारंपरिक परिधानों और नृत्यों का शानदार संगम देखने को मिला। स्थानीय संस्कृति को समर्पित उत्सव उपमुख्यमंत्री […]
Khushi
By : Updated On: 08 Oct 2025 16:09:PM
दशहरा उत्सव के समापन पर भव्य ‘कुल्लू कार्निवाल’, ढालपुर में दिखी संस्कृति की अनूठी झलक

Kullu Carnival: अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन सोमवार को जिला मुख्यालय ढालपुर में भव्य “कुल्लू कार्निवल परेड” का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सांस्कृतिक परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें कुल्लू की लोक संस्कृति, पारंपरिक परिधानों और नृत्यों का शानदार संगम देखने को मिला।

स्थानीय संस्कृति को समर्पित उत्सव

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण इस वर्ष किसी भी बाहरी कलाकार को आमंत्रित नहीं किया गया और पूरा दशहरा उत्सव स्थानीय कलाकारों और देव परंपरा को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि देव समाज की सक्रिय भागीदारी ने उत्सव को और भी भव्य बना दिया।

“कुल्लू कार्निवल के माध्यम से लोगों को जिले की विविध संस्कृति को एक मंच पर देखने का अवसर मिला है। भविष्य में इस आयोजन को और बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएँगे।” — मुकेश अग्निहोत्री, उपमुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

महिला समूहों और स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी

जिले भर से महिला समूहों और स्वयं सहायता समूहों ने परेड में भाग लिया। उन्होंने अपनी क्षेत्रीय वेशभूषा और पारंपरिक नृत्यों के माध्यम से संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत की।

परेड में भाग लेने वाली सीमा शर्मा और आशा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने ऐसी वेशभूषा और नृत्य प्रस्तुत किए जो केवल विशेष त्योहारों और समारोहों के दौरान ही देखने को मिलते हैं।

“कुल्लू कार्निवल में अपनी परंपराओं को प्रदर्शित करने का यह अवसर हमारे लिए बहुत खास था। यह हमारी संस्कृति को एक नई पहचान देगा।” — सीमा शर्मा, प्रतिभागी महिला समूह सदस्य

सांस्कृतिक एकता का मंच बना ढालपुर

ढालपुर मैदान सांस्कृतिक रंगों से सराबोर था। लोक नृत्य, पारंपरिक वेशभूषा और लोकगीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हजारों दर्शकों ने कलाकारों के प्रदर्शन का आनंद लिया और जिले की संस्कृति की विविधता का स्वागत किया।

आयोजन के महत्व पर एक नज़र:

  • हिमाचल के कलाकारों और परंपराओं को मंच मिला
  • आपदा के बावजूद, महोत्सव में भारी भीड़ उमड़ी
  • महिला समूहों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया
  • संस्कृति, परंपरा और एकता का संदेश
  • समापन समारोह में रंगारंग कार्निवल परेड आकर्षण का केंद्र रही।

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